व्यावसायिक एवं सामाजिक दृष्टिपथ
टीसीआईएल भारत सरकार का एक उद्यम है जो दूरसंचार विभाग, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन है। एक परियोजना संगठन के रूप में टीसीआईएल दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में टर्नकी परियोजनाओं का निष्पादन करती है और संचार प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर समाधान प्रदान कर रही है। डिजिटल भारत के उद्देश्य को चरितार्थ करती टीसीआईएल अत्याधुनिक, विश्वसनीय और धारणीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना और सूचना व संचार की दृष्टि से एक एकीकृत समाज के विकास के लिए प्रयत्नशील है। इसके अतिरिक्त, टीसीआईएल अपने कर्मचारियों के कौशल विकास और अपने कार्य वातावरण में निरंतर सुधार लाने को प्रतिबद्ध है।.टीसीआईएल ने विभिन्न सरकारी लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित क्षेत्रों में विभिन्न उपक्रमण किए हैं
1. मेक इन इंडिया
2. डिजिटल इंडिया
3. कौशल निर्माण
4. स्वच्छ भारत
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मेक इन इंडिया
टीसीआईएल दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक टर्नकी परियोजना निष्पादन एवं परामर्शी संगठन के तौर पर अपने कार्यार्थियों को दूरसंचार, सू.प्रौ., परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, तेल और गैस, एमएसएमई जैसे विभिन्न सेक्टरों में समाधान प्रदान कर रही है तथा अपनी परियोजना प्रबंधन अभिवृत्ति के माध्यम से अपने कार्यार्थियों, वेंडरों के साथ परस्पर सहयोग करते हुए सभी अनिवार्यताओं और लक्ष्यों को पूरा करती है।
दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने 38 से भी अधिक वर्षों के व्यापक अनुभव के साथ, टीसीआईएल अपने वेंडरों के साथ निरंतर सहयोग करते हुए विविध प्रकृति की परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर रही है।
भारत के विनिर्दिष्ट मानकों के विकास और भारतीय दूरसंचार उत्पादों और सेवाओं के निर्यात प्रोत्साहन के एक भाग के रूप में, टीसीआईएल विभिन्न दूरसंचार निकायों जैसे कि भारतीय दूरसंचार मानक विकास सोसायटी (टीएसडीएसआई) और दूरसंचार उपकरण एवं सेवा निर्यात प्रोत्साहन परिषद (टीईपीसी) का प्रतिनिधित्व करती है। टीसीआईएल देशी और विदेशी दोनों ही बाज़ारों के लिए वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धात्मक इलैक्ट्रॉनिक डिज़ाइनों और विनिर्माण पर राष्ट्रीय इलैक्ट्रॉनिक पॉलिसी का पूर्णतया समर्थन करती है।.
टीसीआईएल ने भारत में ऑप्टिकल फ़ाइबर केबल के निर्माण हेतु तमिलनाडू सरकार (टिडको) और फुजीकुरा जापान की साझेदारी में तमिलनाडू टेलीकॉम लि.(टीटीएल) में निवेश किया है।
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डिजिटल इंडिया
दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने व्यापक अनुभव के साथ टीसीआईएल अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों जैसे कि दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा, तेल और गैस, एमएसएमई इत्यादि में दूरसंचार व सूचन प्रौद्योगिकी परियोजनाओं का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करने में सक्षम है।.
अपने व्यापक अनुभव का प्रयोग करते हुए टीसीआईएल निम्नलिखित रूप से अपनी सेवाएं प्रदान करते हुए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में भाग ले सकती है
- टर्नकी परियोजनाएं, परामर्शी,
- साध्यता अध्ययन,
- नियोजन,
- डिज़ाइन,
- इंजिनियरिंग,
- निष्पादन,
- गुणवत्ता आश्वासन,
- लेंडर इंजिनियरिंग,
- तृत्तीय पक्ष लेखापरीक्षा,
- परियोजना प्रबंधन,
- क्षमता निर्माण,
- दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में परिचालन व रखरखाव
- वायरलाइन परियोजनाएं – ऑप्टिकल फ़ाइबर नेटवर्क, एफटीएच, ओपीजीडब्ल्यू, सबमरीन केबल,
- बेतार परियोजनाएं – मोबाइल संचार, टेट्रा, 3जी,4जी, ईएमएफ लेखापरीक्षा.
- सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाएं – ब्रॉडबैंड नेटवर्क्स, डेटा केंद्र, ई-नेटवर्क्स, दूर-शिक्षा, दूर-चिकित्सा, ई-अभिशासन, सुरक्षा एवं निगरानी, आपदा प्रबंधन, आईपीवी6
- प्रबंधित सेवाएं – सह-स्थान सेवाएं, ई-प्राप्ति, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, प्रमाणन सेवा
- सिविल और वास्तुकला परियोजनाएं – साइबर पार्क्स, भवनों और सड़कों का निर्माण
- सौर ऊर्जा, ई-अपशिष्ट प्रबंधन, पावरलाइन परियोजनाएं, नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे नए उपक्रमण.
- रक्षा परियोजना के तहत स्पैक्ट्रम ओएफसी परियोजना नेटवर्क जिसके तहत बीएसएनएल के लिए अनुमानित 10000 कि.मी. ओएफसी केबल बिछाई जानी है,
- नौसेना ओएफसी परियोजना जिसके तहत बीएसएनएल के लिए अनुमानित 3000 कि.मी. ओएफसी केबल बिछाई जानी है,
- डाक विभाग के 1,29,000 अतिरिक्त विभागीय कार्यालयों में हैंडहेल्ड उपकरणों और संबद्ध सौर अवसंरचना की आपूर्ति करते हुए पूरे देश में डिजिटल कनेक्टिविटी का प्रसार करने हेतु डाक विभाग ग्रामीण हार्डवेयर परियोजना का कार्यान्वयन,,
- सू.प्रौ. शिक्षा हेतु उ.प्र., ओड़ीशा और दिल्ली के 320 से भी अधिक स्कूलों में सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना प्रदान करना,,
- कानपुर, गाज़ियाबाद और इलाहाबाद में पुलिस डायल 100 प्रणाली जैसी ई-अभिशासन परियोजनाओं का कार्यान्वयन,,
- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और मेघालय राज्यों में अपराध व आपराधिक ट्रैकिंग प्रणाली. उपर्युक्त के अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भी टीसीआईएल दूर-शिक्षा और दूर-चिकित्सा परियोजनाओं में पूरी तरह से सक्रिय है। टीसीआईएल ने अपनी पैन-अफ्रीका ई-नेटवर्क परियोजना के माध्यम से पूरे अफ्रीका में भारतीय विश्वविद्यालयों और अस्पतालों से दूर-शिक्षा और दूर-चिकित्सा प्रदान करने की व्यवस्था की है जोकि डिजिटल इंडिया का एक आदर्श और सफल उदाहरण है।.
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कौशल निर्माण
राष्ट्र निर्माण और डिजिटल भारत को कौशल विकास और कौशल निर्माण के बल पर ही साकार किया जा सकता है। इसमें केवल सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार में कौशल विकास ही नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई, तेल, गैस, परिवहन इत्यादि अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टरों में कौशल विकास किया जाना आवश्यक है।.
टीसीआईएल ने आईसीटी अवसंरचना दूर-शिक्षा और दूर-चिकित्सा में समाधान प्रदान किए हैं जिसके माध्यम से ग्रामीण भारत के दूरदराज इलाकों में भी सर्वोच्च स्तरीय शिक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाना संभव हो पाया है। टीसीआईएल ने अफ्रीका के 48 देशों में भारतीय विश्वविद्यालयों और अस्पतालों से दूर-शिक्षा व दूर-चिकित्सा प्रदान करने के लिए पैन-अफ्रीकी ई-नेटवर्क परियोजना का कार्यान्वयन किया है जोकि डिजिटल इंडिया और कौशल विकास हेतु एक सफल और आदर्श उदाहरण है। इस नेटवर्क को सार्क देशों के लिए भी सफलतापूर्वक अपनाया गया जिसके तहत मद्रास विश्वविद्यालय की वर्चुअल युनिवर्सिटी परियोजना और भारतीय संस्थानों से दूर-चिकित्सा और दूर-शिक्षा की प्रदायगी की जाएगी।.
टीसीआईएल ने दूरसंचार मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भी दूर-शिक्षा और दूर-चिकित्सा नेटवर्क्स के विकास हेतु इसी प्रकार के प्रस्ताव दिए हैं।.
ये नेटवर्क कौशल विकास की संपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक साझा अवसंरचना नेटवर्क के रूप में काम करेंगे। अपने व्यावसायिक परिचालनों के एक भाग के रूप में टीसीआईएल ने दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी कौशल विकास को सक्षम करने के लिए एएलटीटीसी और एनआईईएलआईटी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। -
स्वच्छ भारत
स्वच्छ भारत कार्यक्रम जल, वायु, कार्यालय, सार्वजनिक एवं निजी परिसरों, अपशिष्ट पदार्थों और ई-अपशिष्ट की संपूर्ण सफ़ाई और प्रबंधन पर बल देता है।.
टीसीआईएल ने स्वच्छ भारत कार्यक्रम के कार्यक्षेत्र के भीतर नदियों के जल की निगरानी और प्रबंधन हेतु दूरसंचार और आईटी आधारित समाधान विकसित किए हैं जो एक स्वच्छ वातावरण बनाए रखने हेतु प्रभावशाली नियंत्रण प्रदान कर सकते हैं।.
टीसीआईएल सरकार और सार्वजनिक सेक्टर संगठनों के साथ सहयोग करते हुए ई-अपशिष्ट के संग्रह और निपटान हेतु एक व्यावसायिक रेखा के तौर पर ई-अपशिष्ट प्रबंधन भी कर रही है।.
अपने नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व के एक अंश के तौर पर टीसीआईएल स्कूलों में कन्या शौचालयों का निर्माण कर रही है तथा अपने कार्यालय परिसर के भीतर पुराने और अनुपयोगी रिकॉर्ड्स और इलैक्ट्रॉनिक्स का समय-समय पर निपटान करती रहती है।
टीसीआईएल अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं की भी समीक्षा कर रही है और कंपनी ने हाल ही में अपनी प्रकाश व्यवस्था को एलईडी लाइट्स के साथ प्रतिस्थापित किया है। टीसीआईएल के कार्यालय परिसर में पार्किंग क्षेत्र को सौर ऊर्जायुक्त बनाने के लिए सौर ऊर्जा पैनल भी लगाए गए हैं।
टीसीआईएल ने जल प्रबंधन के लिए जल संचयन अवसंरचना स्थापित की है। टीसीआईएल का सिविल और वास्तुकला प्रभाग स्वच्छ भारत कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए हरित और वातावरण हितैषी भवनों और अवसंरचना के निर्माण संबंधी विभिन्न परियोजनाओं का कार्यान्वयन कर रहा है।
अपने नै.सा.उ. और धारणीय विकास कार्यक्रमों, उपक्रमणों और सरकारी दिशानिर्देशों और अनुदेशों के तहत टीसीआईएल अपने कर्मचारियों को निरंतर जागरूक कर रही है। इस संबंध में कर्मचारियों ने के लिए व्याख्यानों की व्यवस्था की जाती है। कर्मचारियों में स्पर्धा की भावना से मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, कौशल विकास और स्वच्छ भारत मिशन पर निबंध लेखन, वाद-विवाद और स्वच्छता संबंधी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है और विजेता प्रतिभागियों को समुचित पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।.
उपार्जित/नियोजित योगदान/व्यय का विवरण
टीसीआईएल इन उपक्रमणों पर अपने नै.सा.उ. बजट को खर्च कर रही है। वर्ष 2014-15 के दौरान कंपनी ने 29 लाख रु. खर्च किए विगत तीन वर्षों के कंपनी कर पश्चात लाभ का 2 प्रतिशत है। एक परियोजना संगठन होने के नाते, टीसीआईएल के उपक्रमण पूरी तरह से इसके व्यवसाय और परियोजना विकास पर आधारित हैं।